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Showing posts with the label गीता का सार (Geeta Ka Saar) अध्याय 13

🕉️ गीता का सार अध्याय 13 श्लोक 34 - 🔥आत्मा का सूर्य समान तेज ✨🌟

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🕉️ गीता का सार अध्याय 13 श्लोक 33 - 🔥सूर्य जैसा आत्मा का प्रकाश✨🌟

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🕉️ गीता का सार अध्याय 13 श्लोक 32 - 🔥परमात्मा की निर्लिप्त सत्ता✨🌟

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🕉️ गीता का सार अध्याय 13 श्लोक 31 - 🔥अखण्ड परमात्मा का मोक्ष रहस्य✨🌟

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🕉️ गीता का सार अध्याय 13 श्लोक 30 - 🔥प्रकृति और आत्मा का रहस्य ✨🌟#jagatk...

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🕉️ गीता का सार अध्याय 13 श्लोक 29 - 🔥समदृष्टि और मोक्ष✨🌟

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🕉️ गीता का सार अध्याय 13 श्लोक 28 - 🔥हर जीव में परमात्मा का दर्शन ✨🌟

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॥ ॐ श्रीपरमात्मने नमः ॥ 🕉️ गीता का सार अध्याय 13 श्लोक 28 - 🔥 हर जीव में परमात्मा का दर्शन ✨ 🌟 परिचय हर हर गीता! जय श्रीकृष्ण! क्या आपको लगता है हर शरीर अलग है, सबमें भिन्नता है? क्या वास्तव में हर कण, हर जीव, हर जन्म में एक ही ब्रह्म स्थित है? आज गीता अध्याय 13 श्लोक 28 में जानेंगे—कैसे सच्चा साधक सब जगह एक ही परमात्मा का अनुभव करता है और यहीं से जीवन में समत्व व मोक्ष का मार्ग खुलता है। कल आपने जाना— चराचर जगत में क्षेत्र और क्षेत्रज्ञ के संयोग से सृष्टि की उत्पत्ति होती है। अब आगे—हर जीव में परमात्मा के समत्व और एकत्व का रहस्य। 📚 Today's Shlok – Introduction & बेहद सरल अर्थ श्लोक भावार्थ: श्रीकृष्ण कहते हैं— जिस साधक ने सब जीवों में एक ही ब्रह्म का एकत्व देख लिया, वह सब बंधनों से मुक्त हो गया और सच्चा मोक्ष पा लिया। ऐसा देखना न सिर्फ परम ज्ञान है, बल्कि जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि भी है! हर शरीर, हर स्थिति—सब जगह वही परमात्मा है। जब भेद मिटता है तो दुःख भी विलीन हो जाता है। समस्या और समाधान 💡 Today's Learning – Problem & Solution समस्या: हम जीवन में अक्सर दूसर...

🕉️ गीता का सार अध्याय 13 श्लोक 27 - 🔥सर्वत्र ब्रह्म की उपस्थिति ✨🌟

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🕉️ गीता का सार अध्याय 13 श्लोक 26 - 🔥सृष्टि का विज्ञान🌟

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🕉️ गीता का सार अध्याय 13 श्लोक 25 - 🔥भगवत्प्राप्ति के तीन श्रेष्ठ मार्ग🌟

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🕉️ गीता का सार अध्याय 13 श्लोक 24 - 🔥भगवत्प्राप्ति के तीन मार्ग🌟

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  ॥ ॐ श्रीपरमात्मने नमः ॥ 🕉️ गीता का सार अध्याय 13 श्लोक 24 - 🔥 भगवत्प्राप्ति के तीन मार्ग 🌟 हर हर गीता! जय श्रीकृष्ण! क्या भगवान तक पहुंचने का कोई एक ही रास्ता है? क्या पूजा या ध्यान ही सबकुछ है, या गीता में जीवन को बदलने वाले कई मार्गों का खुला विकल्प दिया गया है? कल हमने जाना— मुक्ति के लिए केवल बाहरी पूजा, त्याग या दान नहीं, बल्कि पुरुष, प्रकृति और गुणों का तत्वज्ञान जरूरी है। अब—भगवान तक पहुंचने के असली और बहुपक्षीय मार्ग जानेंगे! 📚 Today's Shlok – Introduction & बेहद सरल अर्थ श्लोक भावार्थ: भगवान श्रीकृष्ण बताते हैं कि जो भी व्यक्ति ध्यान, ज्ञानयोग, या कर्मयोग का मार्ग अपनाता है, वह निश्चित ही परमात्मा को प्राप्त कर सकता है। गीता सभी के लिए खुला “मोक्ष पथ” दिखाती है—चाहे वह साधक ध्यान करे, घ्यान-बोध से जिए या निष्काम कर्म से मोक्ष पाए। 💡 Today's Learning – Problem & Solution समस्या: बहुत से लोग खुद को सिर्फ ध्यान या पूजा का रास्ता अपनाकर सीमित कर लेते हैं, अब भी जीवन में संतोष, शांति और परम लाभ नहीं मिलता… समाधान (Gita Wisdom): गीता सिखाती है—भगवत्प्राप्...