॥ ॐ श्रीपरमात्मने नमः ॥ "क्या आप उन लोगों से हैं जो प्रशंसा में प्रसन्न और आलोचना में क्रोधित हो जाते हैं? क्या मन कभी अपमान और मान-सम्मान के बीच उलझा रहता है? 👉 अगर हाँ, तो आज का ज्ञान आपके लिए एक जागृति का पल बन सकता है। आज हम जानेंगे — भगवद गीता अध्याय 12 श्लोक 18-19, जो बताते हैं ऐसे भक्तों के गुण जो हर परिस्थिति में स्थिर रहते हैं।" "🕉️ 🙏 जय श्रीकृष्ण! भारतीय जीवन-दर्शन की दृष्टि से किसी भी ग्रंथ की वास्तविक उपयोगिता इस बात पर निर्भर करती है कि वह मानव को उसके परम लक्ष्य तक पहुँचाने में कितनी सहायक सिद्ध होती है। इस कसौटी पर अगर कोई ग्रंथ सर्वाधिक खरा उतरता है, तो वह है – श्रीमद्भगवद्गीता। यह न केवल हमें जीवन जीने की कला सिखाती है, बल्कि आत्मा की मुक्ति का मार्ग भी प्रशस्त करती है।"