॥ ॐ श्रीपरमात्मने नमः ॥ 🕉️ गीता का सार अध्याय 10 श्लोक 29 - ✨ अनंत आदि विभूतियोंका कथन 🌺 🙏 नमस्कार साथियों, क्या आपने कभी सोचा है कि भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी विभूतियों में अनंत, वरुण, अर्यमा और यमराज को क्यों शामिल किया? आज हम अध्याय 10 श्लोक 29 के माध्यम से इन दिव्य विभूतियों का गूढ़ अर्थ समझेंगे। 🕉️ 🙏 जय श्रीकृष्ण! स्वागत है आपका “गीता का सार – जगत का सार” में। भारतीय जीवन-दर्शन की दृष्टि से किसी भी ग्रंथ की वास्तविक उपयोगिता इस बात पर निर्भर करती है कि वह मानव को उसके परम लक्ष्य तक पहुँचाने में कितनी सहायक सिद्ध होती है। इस कसौटी पर अगर कोई ग्रंथ सर्वाधिक खरा उतरता है, तो वह है – श्रीमद्भगवद्गीता। यह न केवल हमें जीवन जीने की कला सिखाती है, बल्कि आत्मा की मुक्ति का मार्ग भी प्रशस्त करती है। अब रुकिए — एक सवाल है आपसे... क्या आप सच में इस दिव्य ज्ञान को अधूरा छोड़ना चाहेंगे? थोड़ा सोचिए… जब किसी को स्वयं प्रभु की वाणी सुनने का अवसर मिलता है, तो क्या वह अवसर यूँ ही जाने देना चाहिए? अगर आप अब तक हमें सुन रहे हैं, तो समझ लीजिए — यह कोई संयोग नहीं, बल्कि प्रभु की विशेष कृपा है। आप...