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Showing posts with the label गीता का सार (Geeta Ka Saar) अध्याय 10

🕉️ गीता का सार अध्याय 10 श्लोक 42 - ✨भगवान्‌की योगशक्ति से सम्पूर्ण जगत्की स्थितिका कथन । 🌺

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॥ ॐ श्रीपरमात्मने नमः ॥ 🕉️ गीता का सार अध्याय 10 श्लोक 42 - ✨ भगवान्‌की योगशक्ति से सम्पूर्ण जगत्की स्थितिका कथन । 🌺

🕉️ गीता का सार अध्याय 10 श्लोक 41 - ✨भगवान्‌के तेजके अंशसे सम्पूर्ण वस्तुओंकी उत्पत्तिका कथन🌺

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॥ ॐ श्रीपरमात्मने नमः ॥ 🕉️ गीता का सार अध्याय 10 श्लोक 41 - ✨ भगवान्‌के तेजके अंशसे सम्पूर्ण वस्तुओंकी उत्पत्तिका कथन 🌺

🕉️ गीता का सार अध्याय 10 श्लोक 40 - ✨भगवद्विभूतियोंकी अनन्तताका कथन🌺

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॥ ॐ श्रीपरमात्मने नमः ॥ 🕉️ गीता का सार अध्याय 10 श्लोक 40 - ✨ भगवद्विभूतियोंकी अनन्तताका कथन 🌺

🕉️ गीता का सार अध्याय 10 श्लोक 39 - ✨दण्ड आदि विभूतियोंका कथन🌺

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॥ ॐ श्रीपरमात्मने नमः ॥ 🕉️ गीता का सार अध्याय 10 श्लोक 39 - ✨ दण्ड आदि विभूतियोंका कथन 🌺

🕉️ गीता का सार अध्याय 10 श्लोक 38 - ✨दण्ड आदि विभूतियोंका कथन🌺

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॥ ॐ श्रीपरमात्मने नमः ॥ 🕉️ गीता का सार अध्याय 10 श्लोक 38 - ✨ दण्ड आदि विभूतियोंका कथन 🌺

🕉️ गीता का सार अध्याय 10 श्लोक 37 - ✨वासुदेव आदि विभूतियोंका कथन🌺

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॥ ॐ श्रीपरमात्मने नमः ॥ 🕉️ गीता का सार अध्याय 10 श्लोक 37 - ✨वासुदेव आदि विभूतियोंका कथन🌺 क्या भगवान अर्जुन और व्यास जैसे महापुरुषों में भी प्रकट होते हैं? क्या हम भी अपने जीवन में ऐसे गुणों को अपनाकर ईश्वर के करीब हो सकते हैं? आज के श्लोक में मिलेगा इसका दिव्य उत्तर।" "🕉️ 🙏 जय श्रीकृष्ण!

🕉️ गीता का सार अध्याय 10 श्लोक 36 - ✨द्यूत आदि विभूतियोंका कथन🌺

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 ॥ ॐ श्रीपरमात्मने नमः ॥ 🕉️ गीता का सार अध्याय 10 श्लोक 36 - ✨ द्यूत आदि विभूतियोंका कथन 🌺

🕉️ गीता का सार अध्याय 10 श्लोक 34 - ✨मृत्यु आदि विभूतियोंका कथन🌺

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  ॥ ॐ श्रीपरमात्मने नमः ॥ 🕉️ गीता का सार अध्याय 10 श्लोक 34 - ✨ मृत्यु आदि विभूतियोंका कथन 🌺

🕉️ गीता का सार अध्याय 10 श्लोक 33 - ✨अकारादि विभूतियोंका कथन🌺

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॥ ॐ श्रीपरमात्मने नमः ॥ 🕉️ गीता का सार अध्याय 10 श्लोक 33 - ✨ अकारादि विभूतियोंका कथन 🌺 क्या आपने कभी सोचा है कि भाषा का पहला अक्षर ‘अ’ और जीवन की अंतिम सीमा ‘काल’ दोनों का स्वामी कौन है?आज श्रीकृष्ण खुद बताते हैं कि मैं अक्षरों में ‘अ’, द्वंद्व में मैं, और समय में भी मैं हूँ। 🕉️ 🙏 जय श्रीकृष्ण! स्वागत है आपका “गीता का सार – जगत का सार” में। भारतीय जीवन-दर्शन की दृष्टि से किसी भी ग्रंथ की वास्तविक उपयोगिता इस बात पर निर्भर करती है कि वह मानव को उसके परम लक्ष्य तक पहुँचाने में कितनी सहायक सिद्ध होती है। इस कसौटी पर अगर कोई ग्रंथ सर्वाधिक खरा उतरता है, तो वह है – श्रीमद्भगवद्गीता। यह न केवल हमें जीवन जीने की कला सिखाती है, बल्कि आत्मा की मुक्ति का मार्ग भी प्रशस्त करती है।

🕉️ गीता का सार अध्याय 10 श्लोक 32 - ✨अध्यात्मविद्या आदि विभूतियोंका कथन🌺

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  ॥ ॐ श्रीपरमात्मने नमः ॥ 🕉️ गीता का सार अध्याय 10 श्लोक 32 - ✨ अध्यात्मविद्या आदि विभूतियोंका कथन 🌺 स्वर, शब्द और विचार… ये सिर्फ भाषा का हिस्सा नहीं, बल्कि ब्रह्म का भी परिचय हैं। आज के श्लोक में भगवान श्रीकृष्ण बता रहे हैं कि वे हैं ‘अ’ अक्षर और द्वंद्वों का स्वामी – आइए इस रहस्य को समझते हैं। 🕉️ 🙏 जय श्रीकृष्ण!

🕉️ गीता का सार अध्याय 10 श्लोक 31 - ✨पवन आदि विभूतियोंका कथन🌺

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  ॥ ॐ श्रीपरमात्मने नमः ॥ 🕉️ गीता का सार अध्याय 10 श्लोक 31 - ✨ पवन आदि विभूतियोंका कथन 🌺

🕉️ गीता का सार अध्याय 10 श्लोक 30 - ✨प्रह्लादादि विभूतियोंका कथन🌺 #Geetakasaar #jagatkasaar

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॥ ॐ श्रीपरमात्मने नमः ॥ 🕉️ गीता का सार अध्याय 10 श्लोक 30 - ✨ प्रह्लादादि विभूतियोंका कथन 🌺

🕉️ गीता का सार अध्याय 10 श्लोक 29 - ✨अनंत आदि विभूतियोंका कथन🌺

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॥ ॐ श्रीपरमात्मने नमः ॥ 🕉️ गीता का सार अध्याय 10 श्लोक 29 - ✨ अनंत आदि विभूतियोंका कथन 🌺 🙏 नमस्कार साथियों, क्या आपने कभी सोचा है कि भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी विभूतियों में अनंत, वरुण, अर्यमा और यमराज को क्यों शामिल किया? आज हम अध्याय 10 श्लोक 29 के माध्यम से इन दिव्य विभूतियों का गूढ़ अर्थ समझेंगे। 🕉️ 🙏 जय श्रीकृष्ण! स्वागत है आपका “गीता का सार – जगत का सार” में। भारतीय जीवन-दर्शन की दृष्टि से किसी भी ग्रंथ की वास्तविक उपयोगिता इस बात पर निर्भर करती है कि वह मानव को उसके परम लक्ष्य तक पहुँचाने में कितनी सहायक सिद्ध होती है। इस कसौटी पर अगर कोई ग्रंथ सर्वाधिक खरा उतरता है, तो वह है – श्रीमद्भगवद्गीता। यह न केवल हमें जीवन जीने की कला सिखाती है, बल्कि आत्मा की मुक्ति का मार्ग भी प्रशस्त करती है। अब रुकिए — एक सवाल है आपसे... क्या आप सच में इस दिव्य ज्ञान को अधूरा छोड़ना चाहेंगे? थोड़ा सोचिए… जब किसी को स्वयं प्रभु की वाणी सुनने का अवसर मिलता है, तो क्या वह अवसर यूँ ही जाने देना चाहिए? अगर आप अब तक हमें सुन रहे हैं, तो समझ लीजिए — यह कोई संयोग नहीं, बल्कि प्रभु की विशेष कृपा है। आप...

🕉️ गीता का सार अध्याय 10 श्लोक 28 - ✨वज्रादि विभूतियोंका कथन🌺 #Geetakasaar #jagatkasaar

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  ॥ ॐ श्रीपरमात्मने नमः ॥ 🕉️ गीता का सार अध्याय 10 श्लोक 28 - ✨ वज्रादि विभूतियोंका कथन 🌺

🕉️ गीता का सार अध्याय 10 श्लोक 27 - ✨उच्चैःश्रवा आदि विभूतियोंका कथन🌺 #Geetakasaar #jagatkasaar

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  ॥ ॐ श्रीपरमात्मने नमः ॥ 🕉️ गीता का सार अध्याय 10 श्लोक 27 - ✨ उच्चैःश्रवा आदि विभूतियोंका कथन 🌺 🕉️ 🙏 जय श्रीकृष्ण! स्वागत है आपका “गीता का सार – जगत का सार” में। भारतीय जीवन-दर्शन की दृष्टि से किसी भी ग्रंथ की वास्तविक उपयोगिता इस बात पर निर्भर करती है कि वह मानव को उसके परम लक्ष्य तक पहुँचाने में कितनी सहायक सिद्ध होती है। इस कसौटी पर अगर कोई ग्रंथ सर्वाधिक खरा उतरता है, तो वह है – श्रीमद्भगवद्गीता। यह न केवल हमें जीवन जीने की कला सिखाती है, बल्कि आत्मा की मुक्ति का मार्ग भी प्रशस्त करती है। अब रुकिए — एक सवाल है आपसे... क्या आप सच में इस दिव्य ज्ञान को अधूरा छोड़ना चाहेंगे? थोड़ा सोचिए… जब किसी को स्वयं प्रभु की वाणी सुनने का अवसर मिलता है, तो क्या वह अवसर यूँ ही जाने देना चाहिए? अगर आप अब तक हमें सुन रहे हैं, तो समझ लीजिए — यह कोई संयोग नहीं, बल्कि प्रभु की विशेष कृपा है। आपके कानों तक जो शब्द पहुँच रहे हैं, वो सिर्फ आवाज़ नहीं… वो उस परम चेतना का संदेश हैं, जो आपको जगाने आई है। हम तो बस माध्यम हैं — असली संदेशवाहक तो स्वयं भगवान श्रीकृष्ण हैं। तो बोलिए… क्या आप इस अमूल...

🕉️ गीता का सार अध्याय 10 श्लोक 26 - ✨वृक्षों में मैं अश्वत्थ (पीपल) हूँ🌺 #Geetakasaar #jagatkasaar

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  ॥ ॐ श्रीपरमात्मने नमः ॥ 🕉️ गीता का सार अध्याय 10 श्लोक 26 - ✨ वृक्षों में मैं अश्वत्थ (पीपल) हूँ 🌺 🕉️ 🙏 जय श्रीकृष्ण! स्वागत है आपका “गीता का सार – जगत का सार” में। भारतीय जीवन-दर्शन की दृष्टि से किसी भी ग्रंथ की वास्तविक उपयोगिता इस बात पर निर्भर करती है कि वह मानव को उसके परम लक्ष्य तक पहुँचाने में कितनी सहायक सिद्ध होती है। इस कसौटी पर अगर कोई ग्रंथ सर्वाधिक खरा उतरता है, तो वह है – श्रीमद्भगवद्गीता। यह न केवल हमें जीवन जीने की कला सिखाती है, बल्कि आत्मा की मुक्ति का मार्ग भी प्रशस्त करती है। अब रुकिए — एक सवाल है आपसे... क्या आप सच में इस दिव्य ज्ञान को अधूरा छोड़ना चाहेंगे? थोड़ा सोचिए… जब किसी को स्वयं प्रभु की वाणी सुनने का अवसर मिलता है, तो क्या वह अवसर यूँ ही जाने देना चाहिए? अगर आप अब तक हमें सुन रहे हैं, तो समझ लीजिए — यह कोई संयोग नहीं, बल्कि प्रभु की विशेष कृपा है। आपके कानों तक जो शब्द पहुँच रहे हैं, वो सिर्फ आवाज़ नहीं… वो उस परम चेतना का संदेश हैं, जो आपको जगाने आई है। हम तो बस माध्यम हैं — असली संदेशवाहक तो स्वयं भगवान श्रीकृष्ण हैं। तो बोलिए… क्या आप इस अ...

🕉️ गीता का सार अध्याय 10 श्लोक 25 - ✨श्रीकृष्ण का दिव्यता🌺 #Geetakasaar #jagatkasaar

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  ॥ ॐ श्रीपरमात्मने नमः ॥ 🕉️ गीता का सार अध्याय 10 श्लोक 25 - ✨ श्रीकृष्ण का दिव्यता 🌺

🕉️ गीता का सार अध्याय 10 श्लोक 24 - ✨श्रीकृष्ण का विराट स्वरूप🌺

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॥ ॐ श्रीपरमात्मने नमः ॥ 🕉️ गीता का सार अध्याय 10 श्लोक 24 - ✨ श्रीकृष्ण का विराट स्वरूप 🌺 स्वागत है आपका “गीता का सार – जगत का सार” में। भारतीय जीवन-दर्शन की दृष्टि से किसी भी ग्रंथ की वास्तविक उपयोगिता इस बात पर निर्भर करती है कि वह मानव को उसके परम लक्ष्य तक पहुँचाने में कितनी सहायक सिद्ध होती है। इस कसौटी पर अगर कोई ग्रंथ सर्वाधिक खरा उतरता है, तो वह है – श्रीमद्भगवद्गीता। यह न केवल हमें जीवन जीने की कला सिखाती है, बल्कि आत्मा की मुक्ति का मार्ग भी प्रशस्त करती है। अब रुकिए — एक सवाल है आपसे... क्या आप सच में इस दिव्य ज्ञान को अधूरा छोड़ना चाहेंगे? थोड़ा सोचिए… जब किसी को स्वयं प्रभु की वाणी सुनने का अवसर मिलता है, तो क्या वह अवसर यूँ ही जाने देना चाहिए? अगर आप अब तक हमें सुन रहे हैं, तो समझ लीजिए — यह कोई संयोग नहीं, बल्कि प्रभु की विशेष कृपा है। आपके कानों तक जो शब्द पहुँच रहे हैं, वो सिर्फ आवाज़ नहीं… वो उस परम चेतना का संदेश हैं, जो आपको जगाने आई है। हम तो बस माध्यम हैं — असली संदेशवाहक तो स्वयं भगवान श्रीकृष्ण हैं। तो बोलिए… क्या आप इस अमूल्य अवसर को अधूरा छोड़ देंगे? या हमा...

गीता का सार अध्याय 10 श्लोक 23 - रुद्रों में शंकर क्यों

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  ॥ ॐ श्रीपरमात्मने नमः ॥ 🕉️ गीता का सार अध्याय 10 श्लोक 23 - ✨ रुद्रों में शंकर क्यों 🌺 🕉️ 🙏 जय श्रीकृष्ण! स्वागत है आपका “गीता का सार – जगत का सार” में। भारतीय जीवन-दर्शन की दृष्टि से किसी भी ग्रंथ की वास्तविक उपयोगिता इस बात पर निर्भर करती है कि वह मानव को उसके परम लक्ष्य तक पहुँचाने में कितनी सहायक सिद्ध होती है। इस कसौटी पर अगर कोई ग्रंथ सर्वाधिक खरा उतरता है, तो वह है – श्रीमद्भगवद्गीता। यह न केवल हमें जीवन जीने की कला सिखाती है, बल्कि आत्मा की मुक्ति का मार्ग भी प्रशस्त करती है। अब रुकिए — एक सवाल है आपसे... क्या आप सच में इस दिव्य ज्ञान को अधूरा छोड़ना चाहेंगे? थोड़ा सोचिए… जब किसी को स्वयं प्रभु की वाणी सुनने का अवसर मिलता है, तो क्या वह अवसर यूँ ही जाने देना चाहिए? अगर आप अब तक हमें सुन रहे हैं, तो समझ लीजिए — यह कोई संयोग नहीं, बल्कि प्रभु की विशेष कृपा है। आपके कानों तक जो शब्द पहुँच रहे हैं, वो सिर्फ आवाज़ नहीं… वो उस परम चेतना का संदेश हैं, जो आपको जगाने आई है। हम तो बस माध्यम हैं — असली संदेशवाहक तो स्वयं भगवान श्रीकृष्ण हैं। तो बोलिए… क्या आप इस अमूल्य अवसर क...